स्वास्थ्य धन को मनुष्य का सबसे बड़ा धन माना गया यह हम सब अच्छी तरह जानते हैं जब बात आती है भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य की तो हमारे दिमाग में एक अलग परिदृश्य दिखाई देने लगता है इसके बावजूद हम यह भी जानते हैं की अब वह 19वीं सदी के ग्रामीण क्षेत्र नहीं है हम आज 21वी सदी में प्रवेश कर चुके है इसका तात्पर्य है की ग्रामीण क्षेत्रों में हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था 19वीं सदी के मुकाबले ज्यादा सुलभ हो गई है इसके परिणाम स्वरूप हमें यह भी समझ लेना अत्यंत आवश्यक है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य के अनेक पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है|

ग्रामीण स्वास्थ्य
ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में जागरूकता ना होना एक बड़ी समस्या है जिसके कारण उनकी स्वास्थ्य अस्थिरता बनी रहती है|
इसके दूसरी तरफ देखे तो देश की एक तिहाई से भी ज्यादा जनसंख्या गांव में निवास करती है
इसके बावजूद भी वहां पर चिकित्सक और अस्पतालों की काफी कमी देखी गई है|
इसको दूसरी तरफ देखे तो गांव में आज भी आधारभूत संरचना की समस्या से जूझ रहा है|
जैसे कि स्वच्छ पेयजल की समस्या की समस्या, परिवहन के साधन इत्यादि|
समाधान ग्रामीण स्वास्थ्य के प्रति

सरकार द्वारा अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जाती है जिससे गांव का आर्थिक तथा सामाजिक विकास हो सके|
आज के परिपेक्ष में देखें तो वैश्विक महामारी ने भारत ही नहीं अपितु विश्व को भी संकट में डाल दिया है|
परंतु भारत ने जिस प्रकार इतनी कम स्वास्थ्य सुविधाएं होने के बावजूद विश्व के समक्ष एक मिसाल प्रस्तुत की है
वह आत्मनिर्भर भारत तथा भारत के आत्मनिर्भर गांव को यह दर्शाता है
की सुविधाओं में हम अमेरिका जैसे देशों से काफी पीछे होने के बावजूद हमने ग्रामीण स्वास्थ्य के प्रति हमारी स्थिति काफी अच्छी है|
2. महिला स्वास्थ्य कर्मचारी एएनएम की नियुक्ति की गई
3. प्राथमिक उपचार केंद्र 24 घंटे खुले रहेंगे
4 ग्रामीण स्वास्थ्य पर सरकारी की पैनी नजर
Superb