वर्तमान समय में आए भूकंप जिसने न्यूजीलैंड जैसे देश को एक तबाही का मंजर दिखा दिया जिससे वहां के जनजीवन पर काफी इसका प्रभाव पड़ा| भारत के परिपेक्ष में देखे तो लगभग 60% क्षेत्र मध्यमिक उच्च तीव्रता वाले भूकंप क्षेत्र में आता है|

भूकंप
पृथ्वी के अंदर के संचलन का परिणाम है भूकंप जिसके कारण प्राकृतिक या मानव जनित हो सकते हैं|
इसके आने के निम्न चार कारण है ज्वालामुखी उद्गार, चट्टानों में दरार, प्लेटो का संचलन तथा मानवीय कारक है|
भूकंप से पड़ने वाला प्रभाव
भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसका प्रभाव काफी लंबे समय तक रहता है जो आर्थिक तथा सामाजिक दोनों तरह का प्रभाव डालता है| जिसके परिणाम स्वरूप लोगों को जान माल दोनों का नुकसान होता है|इसके साथ-साथ पर्यावरण की भी काफी छती होती है जिसके परिणाम स्वरूप उसका भुगतान हमें आने वाले समय में देखने को मिलता है|
- मूलभूत आवश्यकताओं की कमी
- संपत्ति की क्षति
- पुल, इमारत, बांध आदि
इस तरह के बहुत से ऐसे प्रभाव जो मनुष्य की जीवन शैली को काफी समय तक बदल देते हैं|
समाधान
कहते हैं ना कि जानकारी ही बचाव है फिर भी उस चीज का हम कितना अपने जीवन में उपयोग करते हैं यह हम भलीभांति समझते हैं यह भी जानते हैं कि भूकंप का सटीक अनुमान लगा पाना थोड़ा मुश्किल है इसके बावजूद अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो भूकंप से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं|
1. बिजली और गैस को बंद कर दे,
2. पेड़ों तथा बिजली के खंभों से दूर रहे खुले स्थान पर चले जाएं
3. भूकंपरोधी मकान का निर्माण करवाएं
4. आपदा के समय जरूरी सामान जैसे टॉर्च माचिस और जरूरी दवाए रख ले
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