वृद्धि और विकास दोनों समय की संदर्भ में अलग-अलग है मानव विकास के लिए वृद्धि और विकास दोनों ही अति आवश्यक है क्योंकि मानव विकास के लिए वृद्धि का होना अति आवश्यक है इसी के संदर्भ में आइए हम मानव विकास के कुछ स्तंभ के बारे में समझे |
मानव विकास के चार स्तंभ

किसी इमारत को बनाने के लिए स्तंभ का सहारा लिया जाता है इसी प्रकार मानव विकास की चार स्तंभ हैं समता, सतत पोषणीयता, उत्पादकता और सशक्तिकरण की संकल्पना पर आश्रित है
समता का आशय प्रत्येक व्यक्ति को अवसर उपलब्ध कराना तथा प्रजाति और आय के आधार पर बिना भेदभाव के समान अवसर प्रदान करना है|
सतत पोषणीयता निर्वाहन का अर्थ अवसरों की उपलब्धता में निरंतरता सतत पोषणीय विकास के लिए आवश्यक है का सबसे अच्छा उदाहरण सरकार द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सी लिया जा सकता है
उत्पादकता लोगों की क्षमता का निर्माण करके उनकी उत्पादकता में निरंतर वृद्धि करना है भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे मेड इन इंडिया और मेड इन इंडिया का नवीनतम उदाहरण है
सशक्तिकरण लोगों को सशक्त बनाने के लिए सुशासन एवं दो मुखी लोग नीतियों की आवश्यकता है जिससे समाज में आर्थिक स्थिति से लोगों का सशक्तिकरण हो सके तथा समानता की अवसर का लाभ मिल सके
मानव विकास मापन
मानव विकास सूचकांक (HDI) स्वास्थ्य शिक्षा और संसाधनों के आधार पर सूचकांक जारी करता है
स्वास्थ्य का मूल्यांकन के लिए जन्म के समय जीवन प्रत्याशा कितने हैं पढ़ने और लिखने वाले वयस्क की संख्या और विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या यह दर्शाता है कि उस देश में ज्ञान विशेष कितना आसानी और कितना कठिन है
संसाधनों तक पहुंचने की क्रय शक्ति
इस में से प्रत्येक आयामों में 1/3 की भारी ताजी जाती है जो संख्या 1 के निकट होगा का मानव विकास उतना ही अधिक होता है